✴ " प्यार देते रहो चाहें घर हो , बाग हो ओर चाहे theatre हो , कहीं भी हो प्यार देते रहो । "
✔ ये लाइन कहतीं हैं कि सभी के साथ हँसते-खेलते प्यार से रहो ओर प्यार देते चलो ।
आगे जाकर मैंने भी ऐसे प्यार से सभी के साथ रहने लगा , जहां पर भी में प्यार देता वहाँ से मुझे भी प्यार मिलता था, ये जानकर मुझे भी बहुत खुशी हुई । इस बात से हम सभी को लगेगा कि "प्यार पाने के लिए प्यार तो देना ही होगा" पर हकीकत में क्या होता है वो तो अब कुछ मेरे अल्फाज़ में आएगा तब मालूम पडेगा कि "प्यार से दूर रहने पर भी प्यार नहीं मिलता जब भी प्यार हमे चाहिए हमे भी प्यार करना होता है।
✔ ये सोच आईं तब मुझे लगा कि "प्यार एक व्यापार ही होगा" 🤔
ये सब बातों की हकीकत मेरी जिंदगी में तब मालूम हुई जब मुझे बहुत भूख-प्यास थी। उस समय पर में हर एक जगह पर गया जहां पर मैंने प्यार दिया था , एक भी जगह मैंने छोड़ी नहीं पर फिर भी मुझे उदासी ही हासिल हुई।
✅😇 आप सभी को मालूम हो ही गया होगा की मेरी भूख-प्यास क्यों मिटटी नहीं फिर भी में आपको बताता हूँ उस तरह की मैं जहां पर भी भूख-प्यास बुझाने के लिए गया था वहाँ पर सभी व्यस्त थे अपने प्यार पे (मतलब- व्यापार में) 😊 । तब असली हकीकत मालूम हुई की जो जिंदगी हम सब जी रहें है वो एक व्यापार ही है । "प्यार से हमारी भूख मिटती नहीं ओर ये सारा जहाँ भूख मिटने भी नहीं देगा। "
प्यार का ये व्यापार हमे भूखा भी रखेगा एसा हम सोच भी नहीं सकते। 😫😫🤔🤣🤣🤣
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फिर क्या!!! .......😊
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✒ मैंने भी अपनी जेब में हाथ डालकर 100 ₹ रुपये की
नोट निकाली ओर तुरंत ही मुझे प्यार भी मिल गया , मतलब की मैंने भी व्यापार शुरू कर दिया ।" प्यार का मतलब व्यापार ही हुआ ।"
जिंदगी की हक़ीक़त ये हमे मालूम हुई की- ये जो खुद की जिंदगी में केसेट है जो प्यार की वो एक व्यापार ही है। ये जिंदगी के एसे भूखे-प्यासे अनुभव से ही मालूम हो गया कि इस दुनिया में प्यार का कोई महत्व नहीं है।
अभी की दुनिया ही ऐसी है । अभी की दुनिया में भी प्यार से भी बहुत बड़ा प्यार है और वो व्यापार ही है। मतलब की ऐसे प्यार वालीं दुनिया में प्यार के नाम का व्यापार ही महत्वपूर्ण है ।
✔ ये सब बातें मेरे खास दोस्त, मेरे सर , Dr. Keyur Mehta ने अपनी लिखी हुई कविता के जरिए मुझे जो समझाया वो Detail में मेने आपको बताया । अब उनकी ये कविता भी प्यार से पढ लिजिए 😇😶😊
⏮⏸⏭
✒( प्यार बाँटते चलो ...
प्यार बाँटते चलो ...
कभी Theatre में कभी घर में
बात बहोत प्यार से चलीं
हमने भी सुनी
फिर क्या ...
〰️करदी keset दिल मे उसकी चालु
मन में भी करदी चालु
✔ सुनते सुनते हुआ प्यार से प्यार
प्यार पाने के लिए करना पड़ता हैं प्यार
✔ प्यार खोएं बिना मिलता भी नहीं प्यार
समझ लो ये भी है एक व्यापार
प्यार करके याद आया इस कवि को की-
✔ "जब हम भूखे-प्यासे थे
गए हर एक दर पे जहाँ हमने किया था प्यार
मगर वो तो Busy थे प्यार में अपने ( व्यापार में अपने)
फिर याद आया ...
✔ जो जिंदगी हम जी रहे हैं वो भी है एक व्यापार,
प्यार से भूख मिटी नहीं या जमाने ने मिटने नहीं दीं,
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फिर क्या ...😃😃😃
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फिर हमने भी किया व्यापार
✔ जेब से निकाले 100 रुपये क्या
हमको भी मिल गया प्यार
हमने जिसकी keset दिल मे बसाई थी
✔वो तो था व्यापार ...
✔वो तो था व्यापार ...
✔ बस इसी बात से दिल मे समझ आ गई की
इस दुनिया में प्यार से भी बड़ा है व्यापार....)
Sanket vyas Sk
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